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Sunday, July 15, 2018

काल सरप योग के लक्षण व उपाए


यह कैसे पता चलता है कि कोई काल सरप योग से पीड़ित हैं या नहीं? कुछ विशिष्ट लक्षण हैं जो कुंडली में इस योग को दर्शाते हैं। वो हैं:
1. अगर किसी को अपने जन्मजात चार्ट या जन्म कुंडली में काल सरप योग है, तो वे अक्सर अपने सपनों में मृत लोगों की छवियों को देखते हैं। उसे अपने मरे हुए पूर्वजों या हाल ही में परिवार को छोड़ चुके सदस्य सपने मे दिखाई देते है।  
2. वे अपने घर और जल निकायों का भी सपना देख सकते हैं।
3. वे महसूस कर सकते हैं जैसे कि कोई  उसका गला दबाने की कोशिश कर रहा है।
4. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह कहा जाता है कि काला सरप योग के प्रभाव में जो लोग अपने परिवार और समाज के प्रति समर्पित हैं। वे प्रकृति में विनम्र, पोषण और परोपकारी हैं। वे लालची या स्वयं केंद्रित नहीं हैं
5. कुंडली में मौजूद इस योग के कारण उन्हें जीवन में संघर्ष करना पड़ता है और उनकी ज़रूरत के समय अकेला महसूस होता है।
6. काला सरप योग के प्रभाव के तहत उसे साँप के काटने का एक बड़ा डर है। वास्तव में, वे अक्सर सपने से खुद को सील होने के बारे में सपने देखते हैं। वे हवाई एरोफोबिया से भी ग्रस्त हो सकते हैं -जैसे उच्च स्थानों का डर या सुनसान स्थानों से डर लगता है

जो लोग कल सरप योग के प्रभाव में पीड़ित हैं, उनके लिए श्रद्धा अमावस्या दिन या सर्वपित्रु अमावस्या दिवस पर विशेष श्रद्ध पूजा की पेशकश करना बहुत महत्वपूर्ण है। ये प्रार्थना इस शुभ दिन पर योग के दोषपूर्ण प्रभावों को शांत करने में मदद करती हैं।
स्पष्ट संकेत संकेतों में ऊपर वर्णित है कि किसी को अपने कुंडली में काला सरप योग से ग्रस्त है और इसे ठीक करने के लिए उन्हें विशेषज्ञ उपचार की तलाश करने की जरूरत है।

आप कै सप योग से कैसे पीड़ित हो सकते हैं?
पवित्र हिंदू ग्रंथों के अनुसार, यह कहा जाता है कि हम जो बोते हैं, काटा जाएगा, अर्थात हमारे कर्मों के अनुसार हमें परिणाम मिलते हैं। यह काला सरप योग के लिए बहुत ज्यादा सच है। अगर किसी व्यक्ति ने अपने जीवनकाल में किसी मासूम जानवर या साँप की मौत हो गई है या उसके कारण मृत्यु हो गई है, तो उनके पास अगले जन्म में उनके कुंडली में काला सरपयोग होगा। यह भी कहा जाता है कि जो लोग अपनी कुंडली में काला सरपयोग के साथ हैं, उनकी अपूर्ण इच्छाओं को पूरा करने के लिए पुनर्जन्म लेना होगा।


कालदर्श योग के लिए सरल उपाय
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, विशेषज्ञों का सुझाव है कि वे काला सरप योग के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए उपाय करें।
पंचकशी मंत्र, अर्थात् ओम नमः शिव को जप करना या कम से कम 108 गुना महा महापुरुष मंत्र जाप का प्रदर्शन करना कुंडली में इस योग को दूर करने का एक प्रभावी उपाय है।
राहु के बीजे मंत्र को 108 बार जपाना और हाथ में अगाटी (अक्केक) का तार रखना।
हर शनिवार को एक पाली के पेड़ को पानी पीने से बहुत प्रभावी माना जाता है।
नाग पंचमी पर उपवास करना और इस दिन नाग देवता की पूजा करना या भगवान कृष्ण को प्रार्थना करना और शनिवार को या नारियल के 11 नारियल को शनिवार को या पंचमी पर देना प्रभावी होता है
नदी में धातु से बना नाग और नागिन (मादा नाग) के 108 जोड़े की पेशकश करते हैं और सोमवार को रुद्र अभिषेक की पेशकश एक प्रभावी उपाय है। काल सरप गायत्री मंत्र का जप भी महत्वपूर्ण है।
जिन व्यक्तियों की जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष हो या जिनके हाथ से जाने-अनजाने सर्प की हत्या हुई हो, उनके जीवन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आते हैं। यदि जन्म पत्रिका नहीं हो तथा जीवन में निम्नलिखित समस्याओं में से कोई एक भी हो तो वे अपने आपको कालसर्प दोष से पीड़ित समझें तथा उपाय करें।>  
1. मेहनत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता। 

2. व्यवसाय में हानि बार-बार होना। 

3. अपनों से ठगा जाना।

4. अकारण कलंकित होना। 

5. संतान नहीं होना या संतान की उन्नति नहीं होना। 

6. विवाह नहीं होना या वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त होना। 

7. स्वास्थ्य खराब होना।

8. बार-बार चोट-दुर्घटनाएं होना। 

9. अच्छे किए गए कार्य का यश दूसरों को मिलना। 

10. भयावह स्वप्न बार-बार आना, नाग-नागिन बार-बार दिखना।

11. काली स्त्री, जो भयावह हो या विधवा हो, रोते हुए दिखना। 

12. मृत व्यक्ति स्वप्न में कुछ मांगे, बारात दिखना, जल में डूबना, मुंडन दिखना, अंगहीन दिखना। 

13. गर्भपात होना या संतान होकर नहीं रहना आदि लक्षणों में से कोई एक भी हो तो 

कालसर्प दोष की शांति करवाएं। 

1. नाग-नागिन का जोड़ा चांदी का बनवाकर पूजन कर जल में बहाएं। 

2. नारियल पर ऐसा ही जोड़ा बनाकर मौली से लपेटकर जल में बहाएं। 

3. सपेरे से नाग या जोड़ा पैसे देकर जंगल में स्वतंत्र करें। 

4. किसी ऐसे शिव मंदिर में, जहां शिवजी पर नाग नहीं हों, वहां प्रतिष्ठा करवाकर नाग चढ़ाएं। 

5. चंदन की लकड़ी के बने 7 मौली प्रत्येक बुधवार या शनिवार शिव मंदिर में चढ़ाएं। 

6. शिवजी को चंदन तथा चंदन का इत्र चढ़ाएं तथा नित्य स्वयं लगाएं। 

7. नागपंचमी को शिव मंदिर की सफाई, मरम्मत तथा पुताई करवाएं। 

8. निम्न मंत्रों के जप-हवन करें या करवाएं।

() 'नागेन्द्र हाराय नम: शिवाय

() ' नागदेवतायै नम:' या नागपंचमी मंत्र  ' नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नौ सर्प प्रचोद्यात्।

(9) शिवजी को विजया, अर्क पुष्प, धतूर पुष्प, फल चढ़ाएं तथा दूध से रुद्राभिषेक करवाएं। 

(10) अपने वजन के बराबर कोयले पानी में बहाएं। 

(11) नित्य गौमूत्र से दांत साफ करें।> >


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